Objectives of Braj Kala Kendra
1). To unify on one platform all scholars, organizations, and such persons who are interested in the culture, art and heritage of the Braj region, and to work with them for the Culture & multi-faceted development of Braj.
2). To keep alive and active all forms of theatrical culture like Ras, Ramlila, Saangeet, Play, Singing, dance etc. of Braj and to take effort for their preservation and development, promotion, research and circulation. To do and cause to be done the study and research on traditional arts , to open training centres of these arts and to organize and cause to be organized the exhibition and troupe and to organize groups.
3). To establish a cultural museum, art gallery and Library of Braj and to publish and cause to be published research, survey and epics of various studies of Braj Literature and folk literature.
4). To honour the distinguished and talented artists and artisans of Braj and to create means of support for them.
5). To make all possible efforts to promote the Brajbhasha, Braj literature, and the culture of Braj, to establish Auditorium and Cultural Centres.
6). To undertake all possible steps for the conservation of the historical buildings, shrines and temples, forests, gardens, hills, ponds of Braj & Brajyatra parikrama marg, to patronize them, to maintain their beauty and importance, and to seek support from other like-minded organizations in meeting this objective.
7). To re-organize and re-classify in a scientific manner the folk music and literature of Braj, to re-organize the artists and scholars of Braj, and to conduct research and publication of the folk literature.
8). To collect, conserve, research and preserve the manuscripts, ancient texts and other artefacts of archival value.
9). To conserve, research and propagate the Buddhist and other cultures of the Braj area.
ब्रज कला केंद्र के उद्देश्य
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1). ब्रज के कलाकारों तथा कलात्मक क्षेत्र में रूचि रखने वाले सभी व्यक्ति,संस्था,संगठन विशेषज्ञ व् विद्वान पुरुषों को संगठित कर, उनके सहयोग से ब्रज के कलात्मक एवं बहुमुखी विकास के लिए कार्य करना।
- 2). ब्रज की समस्त रंगमंचीय विधाओं जैसे - राम, रामलीला, संगीत, नाटक, गायन, वादन, नृत्य आदि परम्पराओं को जीवित व जागृत रखना तथा उनके संरक्षण एवं विकास, प्रचार एवं प्रसार तथा शोध प्रयत्न करना। इन परम्पराओं पर शोध, अनुसंधान, अधययन करना एवं कराना। इन विधाओं के प्रशिक्षण केंद्र खोलना तथा प्रदर्शन, मंडली गठित करना।
- 3). ब्रज का एक कलात्मक संग्रहालय, कला वीथिका एवं पुस्तकालय की स्थापना करना तथा ब्रज साहित्य एवं लोक साहित्य की विभिन्न विधाओं पर शोध, सर्वेक्षण व ग्रन्थों का प्रकाशन करना एवं कराना।
- 4). प्रतिभा सम्पन्न कलाकारों को पुरस्कृत करना एवं उनको प्रोत्साहित करने के उपाय करना।
- 5).ब्रज क्षेत्र ब्रजभाषा, कला, साहित्य, और संस्कृति के विकास के लिए सभी सम्भव उपाय करना एवं कराना तथा सांस्कृतिक केंद्रों एवं प्रेक्षागृह आदि की स्थापना करना।
- 6. ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए वह सभी कार्य करना जिनसे ब्रज संस्कृति, एतिहासिक भवन एवं मंदिर, वन, उपवन, ब्रजयात्रा या परिक्रमा मार्ग, पर्वत कुंड, सरोवर एवं यमुना आदि के अतिरिक्त उन स्थानों को संग्रक्षण देने व गरिमा बनाए रखने एवं उनके महत्त्व को चिरस्थायी बनाने के सभी कार्य कर सकें एवं समान उद्देश्यों वाली संस्थाओं से सहयोग ले व दे सकें।
- 7.ब्रज के लोक साहित्य व लोक कलाकारों व उनके द्वारा गाई जाने वाली विभिन्न विधाओं का वर्गीकरण करना, कलाकारों की संगठित करना तथा लोक साहित्य का शोध, सर्वेक्षण एवं प्रकाशन करना व कराना।
- 8).पाण्डुलिपियों एवं अन्य सभी प्रकार की पुरातन सामग्री, ग्रंथ एवं धरोहरों का संकलन, संरक्षण व शोध करना।
- 9). ब्रज क्षेत्र में पुरातन बौद्ध एवं अन्य कला, साहित्य एवं संस्कृति का संरक्षण व शोध एवं प्रचार प्रसार करना।
ब्रजधाम का स्वरुप एवं सुविधाये
- 1. सभा ग्रह (Auditorium )
नवीनतम साधनो से युक्त 600 व्यक्तियों की क्षमता का सभागृह (Auditorium )
- 2. लोककला एवं सांस्कृतिक संग्रहालय ( Culture Art Gallery )
ब्रज की सभी कला विद्याओं में उपयोगी प्राचीनतम कला -कृतियों एवं परिवेश , मुखौटा श्रृंगार, लोकचित्र कला ,लोकगीत ,साँझी आदि का पुरातत्व संग्रहालय
- 3. ब्रज संगीत विद्यापीठ (Braj Sangeet Vidhyapeeth )
ब्रज संगीत एवं नृत्य विद्या पारम्परिक शिक्षण-प्रशिक्षण विश्वविधालयों द्वारा मान्यता प्राप्त पाठयक्रम की शिक्षा का एकमात्र केन्द्र
- 4. पुस्ताकलय (Library)
ब्रज की धरोहर महान भक्त ,सन्त ,एवं कवियों की रचनाओं का प्रकाशन व संग्रह ! ब्रज साहित्य ,भाषा ,लोककला तथा अन्य सम्बन्धित सभी पुस्तकों के संग्रह का केन्द्र
- 5. अतिथि निवास (Guest House)
सभी सुविधाओं युक्त 12 डबल बेड के कमरे अटैच बाथरूम
- 6. सम्मलेन कक्ष (Confrence Room)
50 व्यक्तियों की क्षमता ला प्रोजेक्टर रिकार्डिंग साउंड सिस्टम से युक्त कांफ्रेंस रूम
- 7. भोजनालय (Cafeteria )
50 व्यक्तियों के बैठने की सुविधा के साथ ब्रज के परंपरागत व्यंजनों की उपलब्धता से युक्त भोजनालय
- 8. शोध केन्द्र (Research Centre )
देश विदेश के शोध विद्यार्थियों के लिये ब्रज की कलाओं संस्कृति ,सँगीत एवं साहित्य के शोध कार्य के लिये सभी सुविधाओं से युक्त स्थान
- 9. प्रशानिक कक्ष (Auditorium Block )
पूर्ण परिसर तथा विभिन्न कार्य केन्द्रो के कुशल प्रशासन एवं संचालनं के लिये सभी इन्टरनेट ऑडियो वीडियो फैसिलिटी और रिकॉर्ड रूम से युक्त सुविधाजनक कक्ष !
Braj Kala Kendra Organisation Chart